Thursday, August 18, 2022

अटूट विश्वास- गौरीशंकर चौबे

अटूट विश्वास
रात के ढाई बजे, एक सेठ को नींद नहीं आ रही थी, वह घर में चक्कर पर चक्कर लगाये जा रहा था, पर चैन नहीं पड़ रहा था, आखिर थक कर नीचे उतर आया और कार निकालकर शहर की सड़कों पर निकल गया, रास्ते में एक मंदिर दिखा, सोचा थोड़ी देर इस मंदिर में जाकर भगवान के पास बैठता हूँ, प्रार्थना करता हूं तो शायद शांति मिल जाये...
       सेठ मंदिर के अंदर गया तो देखा, एक इन्सान पहले से ही भगवान की मूर्ति के सामने बैठा था, मगर उसका उदास चेहरा, आंखों में करूणा का भाव दिख रहा था, सेठ ने पूछा क्यों भाई इतनी रात को मन्दिर में क्या कर रहे हो ?
      उस इन्सान ने कहा मेरी पत्नी अस्पताल में है, सुबह यदि उसका आपरेशन नहीं हुआ तो वह मर जायेगी और मेरे पास आपरेशन के लिए पैसा नहीं है...
      उसकी बात सुनकर सेठ ने जेब में जितने रूपए थे, वह उस आदमी को दे दिए, अब गरीब आदमी के चहरे पर चमक आ गईं थीं, सेठ ने अपना कार्ड दिया और कहा इसमें फोन नम्बर और पता भी है और जरूरत हो तो नि:संकोच बताना... 
      उस गरीब आदमी ने कार्ड वापिस दे दिया और कहा, मेरे पास उसका पता है, इसलिए साहब पते की जरूरत नहीं... 
      आश्चर्य से सेठ ने कहा, किसका पता है भाई, उस गरीब आदमी ने कहा, जिसने रात को ढाई बजे आपको यहां भेजा उसका, अगर ईश्वर पर इतना अटूट विश्वास हो तो सारे कार्य पूर्ण हो जाते हैं...
      ईश्वर में अटूट विश्वास और श्रध्दा रखते हुए अपना कार्य करते रहना चाहिए, जब भी मदद की आवश्यकता होगी ईश्वर किसी ना किसी रूप में आ कर मुश्किल वक्त से बहार निकलने का रास्ता बताएंगे, क्यूँकि आप भले ही लाखों की घड़ी हाथ में क्यूँ ना पहने हो, पर समय तो प्रभु के ही हाथ में हैं...
जय श्री कृष्ण.

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